महिलाओं के असंतुलित हार्मोन संबंधी बीमारियों में कारगर है योगासनडॉ. चंद्रमणि

महिलाओं के असंतुलित हार्मोन संबंधी बीमारियों में कारगर है योगासन।
डॉ. चंद्रमणि

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा आयोजित 2 माह के ग्रीष्मकालीन शिविर में शनिवार को कुलानुशासक महिला यौन उत्पीड़न की अध्यक्ष एवं उक्त शिविर की संयोजिका प्रोफेसर अमिता सिंह ने कहा कि शरीर के स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों और हार्मोंन्स का संतुलन बना रहना आवश्यक माना जाता है। इसमें होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या शरीर में कई प्रकार की दिक्कतों को बढ़ा देती है। विशेषकर हार्मोनल असंतुलन की समस्या पिछले कुछ समय में काफी बढ़ती हुए देखी गई है। इसमें होने वाले असंतुलन की समस्या संपूर्ण शारीरिक कार्यप्रणाली को बाधित कर सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में हार्मोंन्स के संतुलन को गड़बड़ाने से बचाने के लिए नियमित रूप से योग-व्यायाम की आदत आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकती है। योग के अभ्यास की आदत हार्मोनल असंतुलन की समस्या को ठीक करने में मदद करते हैं।

ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर के सफलतापूर्वक 45 वें दिन योगा ट्रेनर के रूप में डॉ.चंद्रमणि ने महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य एवं हार्मोन से असंतुलित बीमारियों जैसे मासिक धर्म संबंधी बीमारी तथा हाइपो एवं हाइपर थायराइड संबंधी बीमारियों,डायबिटीज संबंधी बीमारियों में आसनों और प्राणायामो की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहां की विभिन्न आसन एवं प्राणायाम महिलाओं के सभी प्रकार के हार्मोन संबंधी बीमारियों में अत्यधिक कारगर है। डॉक्टर चंद्रमणि योग एवं नेचुरोपैथी एजुकेशन सेंटर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है साथ ही वह योगा एक्सपर्ट डाइटिशियन काउंसलर प्राणीक हिलर के साथ वर्ल्ड प्रनिक हीलिंग फाउंडेशन की इंस्ट्रक्टर भी है और योगामृत हॉलिस्टिक हेल्थ मैनेजमेंट सेंटर की डायरेक्टर भी है। उन्होंने आज के योगाभ्यास का प्रारंभ प्रार्थना के साथ कराया। साथ ही सूक्ष्म व्यायाम चक्की चाल आसन भुजंगासन उष्ट्रासन सेतुबंध आसन मार्जरी आसन भुजंगासन पर्वतासन ताड़ासन वृक्षासन के साथ अनुलोम विलोम प्राणायाम नाड़ी शोधन प्राणायाम भस्त्रिका प्राणायाम कपालभाती भ्रामरी प्राणायाम के साथ ओम उच्चारण के साथ अभ्यास का समापन किया।
इस योग शिविर में प्रोफेसर भारती रस्तोगी उपस्थित रही। इसके अतिरिक्त परिसर की शिक्षिकाएं कर्मचारियों की पत्नियां उनके संबंधी एवं बड़ी संख्या में बच्चे भी प्रतिदिन शामिल हो रहे हैं

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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