
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी के शृंगार गौरी की नियमित पूजा अधिकार मामले में अपने फैसले में अहम कमेंट किए। बुधवार को दिए फैसले में हाईकोर्ट ने कहा, वर्तमान में साल में एक बार पूजा की अनुमति है। जब साल में एक बार पूजा से मस्जिद के चरित्र को कोई खतरा नहीं होता। तो रोजाना या साप्ताहिक पूजा से मस्जिद के चरित्र में बदलाव कैसे हो सकता है?
कोर्ट ने कहा, 1990 तक रोजाना मां श्रृंगार गौरी, हनुमान व गणेश देवता की पूजा होती थी। बाद में साल में एक बार पूजा की अनुमति है। तो सरकार या स्थानीय प्रशासन रेगुलेशन से नियमित पूजा की व्यवस्था कर सकती है। इसका कानून से कोई संबंध नहीं। यह प्रशासन और सरकार के स्तर तक मामला है।