बिजली के कम खर्च के बाद भी देना पड़ रहा अधिक बिल

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बिजली के कम खर्च के बाद भी देना पड़ रहा अधिक बिल
बिलिंग सॉफ्टवेयर बिजली उपभोक्ताओं के लिए बना मुसीबत
सॉफ्टवेयर बदलने के लिए अब तीसरी बार टेंडर निकलने की तैयारी
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया है कि पावर कार्पोरेशन का बिलिंग साफ्टवेयर उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बना हुआ है। कम खर्च के बाद भी उसे अधिक बिल देना पड़ रहा है। बिलिंग के लिए पुराना साफ्टवेयर बदला नहीं जा रहा है। दो बार टेंडर होने पर कंपनी नहीं आई अब तीसरी बार टेंडर की तैयार है। इससे पावर कार्पोरेशन के विश्वसनीयता पर सवाल लग रहा है।उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले तीन सालों से बिलिंग टेंडर निकाला जाता है और फिर उसे निरस्त कर दिया जाता है। इससे गड़बड़ी आशंका जताई जा रही है। पावर कार्पोरेशन पोर्टल और ऐप पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर चुका है। इसलिए इनकी विश्वसनीयता और उपयोगिता की जांच होनी चाहिए। उपभोक्ता परिषद पूरे मामले पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री व विद्युत नियामक आयोग से मिलकर इस संबंध में पक्ष रखेगा।उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि शक्ति भवन में उच्च पदों पर बैठे कुछ अभियंता अपनी पसंद की बिलिंग कंपनियां लाना चाहते हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। सवाल यह उठना लाजमी है की विभाग का हित क्या है कौन देखेगा ऊपर से कंसलटेंटों के घालमेल उपभोक्ता पिस कर रहा है। उन्होंने कहा है कि केस्को कंपनी में अपना सॉफ्टवेयर सफल है फिर भी उस पर विचार नहीं किया जा रहा है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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