पत्रकारों पर लगातार बढ़ते हमले लोकतांत्रिक कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह- राजू आर्य
• मुख्यमंत्री के अपराध मुक्त प्रदेश के मंसूबों पर लग रहा बट्टा।
• चौथे स्तंभ की सुरक्षा हेतु शासन उठाये विशेष कदम।
एटा।जनवादी पत्रकार संघ के प्रदेश प्रभारी, भारतीय गौरक्षा वाहिनी के अध्यक्ष ब्रजप्रांत एवं कट्टरवादी हिंदू नेता रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य ने ग़ाज़ियाबाद में पत्रकार को गोली मारने के घटनाक्रम की कड़े शब्दों में निंदा करते हुये कहा कि प्रदेश के अपराधियों में प्रशासन और शासन का खौफ अब खत्म होता प्रतीत हो रहा है और जंगलराज कायम होता दिख रहा है। अगर प्रदेश में इसी प्रकार आपराधिक घटनाएं बढ़ती रहीं तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध मुक्त प्रदेश के मंसूबों को धूल में मिलते बहुत अधिक समय नही लगेगा।
खबरों के अनुसार एक पत्रकाको इसलिए गोली मार दी गयी क्योंकि उस पत्राकर ने कुछ लड़कों द्वारा अपनी भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले की तहरीर पुलिस में दी थी और इससे गुस्साए बदमाशों ने सोमवार रात पत्रकार को गोली मार दी, पत्रकार की हालत अभी गंभीर है।
आर्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में पत्रकार विक्रम जोशी पर गोली चलाने के मामले में यूपी पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार शाम (20 जुलाई) को विक्रम जोशी अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल से कहीं जा रहे थे, तभी विजयनगर इलाके में कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनपर गोली चला दी। इस घटना का अब सीसीटीवी (CCTV) फुटेज सामने आया है। जिसमें अपराधियों को गोली चलते ही साफ देख जा सकता है। पुलिस ने इस मामले में ५ आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
आर्य ने कहा कि गलत के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने वाले पत्रकार पर ये पहला हमला नही है, पत्रकारों पर आये दिन हमलों की खबरें आती रहती हैं। आर्य ने सरकार से प्रश्न किया है कि आखिर कब तक ऐसे अपराधी प्रदेश में बेरोक-टोक घूमते रहेंगे, और मनमर्ज़ी से किसी के जीवन के साथ यूँही खिलवाड करते रहेंगे? क्या कानून की क्या यही सुचारु व्यवस्था है प्रदेश में जिसका शासन और प्रशासन दावा करता है? कब प्रदेश के पत्रकार और आमजन स्वयं को महफ़ूज़ समझ पाएंगे?
आर्य ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती इस तरह की आपराधिक घटनाओं का मुख्यमंत्री को स्वयं संज्ञान लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे कि प्रदेश में फैली अराजकता और आपराधिक घटनाओं पर विराम लग सके। साथ ही देश के चौथे स्तंभ की सुरक्षा हेतु सरकार द्वारा प्रशासन को कड़े निर्देश जारी किये जाएँ जिससे की पत्रकारिता जगत के गिरते मनोबल का उत्थान हो।