ग्रीष्म कालीन महिला योग शिविर सफलतापूर्वक अपने 3 सप्ताह पूरे कर चुका है।

यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ के कुलानुशासक मण्डल और महिला यौन उत्पीड़़न प्रतिषेध समिति द्वारा आयोजित 2 माह का ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर सफलतापूर्वक अपने 3 सप्ताह पूरे कर चुका है। 22 अप्रैल से इसकी शुरुआत हुई थी। इस शिविर का समापन विश्व योग दिवस 21 जून 2023 को होगा। इस शिविर में विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय परिसर स्थित जे. के. महिला छात्रावास की बड़ी संख्या में छात्राएँ और विश्वविद्यालय के आसपास की महिलाएँ अपने बच्चों के साथ बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है और नियमित रूप से साय: 6 से 7 बजे योगाभ्यास करने आ रही हैं। महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ की कुलानुशासक और इस शिविर की संयोजिका प्रो. अमिता सिंह जी ने खुशी जाहिर की है कि जिस उद्देश्य से उन्होंने इस शिविर का आयोजन किया गया है वह पूरा हो रहा है। एक समाजशास्त्री होने के नाते वे जानती है कि आज भी महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल है और अपने लिए समय निकाल पाना और भी कठिन है। लेकिन शिविर में महिलाओं का नियमित योगाभ्यास के लिए आना और अपने स्वाथ्य के लिए जागरूक होना बड़ी उपलब्धि है।
आज की योगा प्रशिक्षक डॉ. अर्पणा पाण्डेय रहीं। वे विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में योगएक्सपर्ट के रूप में अपनी सेवा दे चुकीं है।
आज उन्होंने निम्नलिखित योगाभ्यास कराए। उन्होंने गायत्री मंत्र प्रार्थना के साथ शुरुआत की फिर सूक्ष्म व्यायाम सूर्य नमस्कार उत्तानपादासन पवनमुक्तासन चक्की चाल आसन नौकासन उष्ट्रासन गोमुखासन भुजंगासन सल भाषन धनुरासन ताड़ासन तिर्यक ताड़ासन कटिचक्रासन वृक्षासन शवासन अनुलोम विलोम प्राणायाम कपालभाति भ्रामरी प्राणायाम त्राटक क्षमा प्रार्थना कराएं एवं समापन विश्व शांति प्रार्थना के साथ शांति पाठ किया।
योगाभ्यास में डॉ.रीना चटर्जी इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.जया प्रो. भारतीय रस्तोगी प्रो. हनसा श्रीमती किरण मिश्रा आदि मौजूद रहीं।