सिर्फ बीच बचाव करना बना रज्जन की मौत का कारण?
सरेआम हुई मजदूर को हत्या से पूरा शहर सकते में।

सितारगंज (अंकुर ढल) लोगों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण मानसिक आक्रामकता किस हद तक हावी हो सकती है। इसकी एक बानगी बुधवार सुबह सितारगंज के जेलकैंप रोड पर देखने को मिली। जहां महज एक बीड़ी ना देने के कारण एक व्यक्ति ने दूसरे से मारपीट शुरू कर दी। हद तो तब हो गई जब बीच-बचाव करने आए एक अन्य मजदूर को उसने सरेआम चाकुओं से गोद कर मौत की नींद सुला दिया। सुबह करीब आठ बजे घटी इस घटना से नगर भर सकते में हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत का रहने वाला रज्जन पुत्र मिश्रीलाल 45 नगर के गणेश मंदिर मोहल्ले में रहकर दिहाड़ी मजदूरी का कार्य कर अपना परिवार का भरण पोषण करता था। बुधवार सुबह वह रोजमर्रा की तरह मजदूरी की खोज में जेलकैम्प रोड स्थित टीचर कॉलोनी के सामने पहुंच गया। जहां खड़े हनीफ अहमद ने तौफीक नामक व्यक्ति से बीड़ी मांगी तौफीक के मना करने पर हनीफ ने उसे थप्पड़ मार दिया। दोनों में मारपीट बढ़ती देख रज्जन ने बीच-बचाव कर तौफीक को हनीफ के शिकंजे से छुड़ा दिया। जिस पर तौफीक हनीफ को कोतवाली जाने की धमकी देता हुआ थाने की ओर बढ़ा, जिस पर हनीफ आग बबूला हो गया और सड़क किनारे मीट की दुकान से एक धारदार चाकू ले आया। उसने आते ही रंजन के पेट पर चाकू से प्रहार कर दिए। जिससे रज्जन खून से लथपथ जमीन पर गिर पड़ा। इतने पर भी हनीफ का मन नहीं भरा तो उसने चाकू से रज्जन की गर्दन पर कई वार कर उसकी गर्दन काट दी और चाकू लहराता हुआ वहां से निकल गया। आसपास के लोगों की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों की मदद से रज्जन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां चिकित्सक अभिलाषा पांडे ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृत्यु की खबर सुनते ही उनकी पत्नी कमला अपने बच्चों के साथ अस्पताल पहुंच गई। पति की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। रज्जन अपने पीछे 3 पुत्र व 2 पुत्र छोड़ गया है। पुलिस ने मृतक की तहरीर पर आरोपी के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर लिया है। खबर लिखे जाने तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।
इनसेट
मीट विक्रेताओं पर खुलेआम रखे धारदार औजारों के लिए जिम्मेदार कोन?
सितारगंज। रज्जन हत्याकांड ने प्रशासनिक स्तर पर क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं और नियमों की कमी को सतह पर ला दिया है। नगर में मीट विक्रेताओं की लगभग सभी दुकानों पर मीट काटने के लिए धारदार औजारों को खुलेआम रखे रहते हैं। रज्जन हत्याकांड में भी यही अहम वजह है। यदि मौके पर दुकान स्वामी ने अपने औजारो को व्यवस्थित तरह से रखा होता तो रज्जन की मौत नही होती। जबकि इस तरह के ओजारों को दुकान स्वामी द्वारा सुरक्षित तरीके से रखा जाना चाहिए। जिससे उनका दुरुपयोग हथियार के रूप में ना किया जा सके।