

धनबाद से प्रेम प्रकाश शर्मा की रिपोर्ट ।
सिंदरी (घनबाद):-5अप्रैल ।शहरपुरा शिव मंदिर सिंदरी में राम कथा समिति एवं नारी सेवा संघ द्वारा आयोजित श्री राम कथा में पूज्य डॉक्टर अमृता करूणेश्वरी जी कथा की तृतीय दिवस में बताया किश्री राम और श्री कृष्ण की भक्ति प्रदान करने वाले महादेव भोलेनाथ ही हैं वही भगवान की भक्ति प्रदान करते हैं इसलिए याज्ञवल्क्य मुनि ने भरद्वाज मुनि को श्री राम कथा की पूर्व शिव कथा का श्रवण कराया साथ ही संक्षिप्त में माता पार्वती के चरित्र से शिक्षा देने के लिए नारियों को प्रेरित किया ।नारी का परिचय धैर्य, समर्पण, ममता, वात्सल्य, शील, वीरता, मर्यादा व दोनों और बताया कि एक बार भगवान के अति प्रिय भक्त श्री नाथ जी ने भी उन्हें एक बार श्राप दे दिये थे क्योंकि नारद जी को अहंकार हो गया था और और भगवान ने नारद जी का अहंकार दूर किया और नारद जी को अपनी माया के दर्शन कराएं नर जी को अहंकार था कि उन्होंने काम और क्रोध को जीत लिया है और इस अहंकार में स्वयं को भोलेनाथ से भी श्रेष्ठ समझ लिया
तब भगवान ने नारद जी के अहंकार को दूर किया और माया की ऐसी लीला दिखाई जिसमें भगवान के परम भक्त नारद जी ने ही श्री हरि विष्णु को श्राप दे दिया जो कि भगवान के अवतार का एक और कारण हुआ ।
इसलिए इस प्रसंग से हमें यह शिक्षा और लेनी चाहिए की अहंकार किसी भी परिस्थिति में हमारा कल्याण नहीं करता क्योंकि भगवान केवलअहंकार रहित भक्ति ही स्वीकार करते हैं। भक्त यदि मार्ग से भटक जाए तब भगवान उसे सही मार्ग दिखाते हैं।