
एटा,जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय, एटा की राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों इकाइयों का सात दिवसीय विशेष शिविर आज दिनाँक 20 मार्च 2023 को रोज एकेडमी स्कूल, आगरा रोड, एटा में शुरू हुआ। शिविर की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं वंदना के साथ हुई। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने एन.एस.एस. की शपथ ली और एन.एस.एस. गीत प्रस्तुत किया। शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला समन्वयक डॉ सुनील विप्रा ने भारत में राष्ट्रीय सेवा योजना के इतिहास एवं इसके दार्शनिक पक्ष को उद्घाटित करते हुए कहा कि सेवा हमें परस्पर भावनात्मक रूप से जोड़ती है। समस्त ब्रहमाण्ड में व्याप्त एकत्व की झलक हमें सेवा के माध्यम से प्राप्त होती है। गाँधी दर्शन में भी सेवा को बहुत महत्व दिया गया है। समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी श्री भूपेंद्र सचान ने विद्यार्थियों के जीवन में राष्ट्रीय सेवा योजना की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए इसे व्यक्तित्व को विकसित करने वाला कार्यक्रम बताया। शिविर में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हिंदुस्तान अखबार के एटा जिला के ब्यूरो प्रमुख श्री शैलेंद्र उपाध्याय ने जन सेवा के कार्यक्रमों में मीडिया की भूमिका की चर्चा की और बताया कि कैसे मीडिया जनता और सरकार के बीच संवाद का सेतु बनता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रोज एकेडमी की प्रधानाचार्या श्रीमती मुकुल भारद्वाज ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में महिलाओं की भूमिका की चर्चा करते हुए एन.एस.एस. की स्वयंसेविकाओं को प्रोत्साहित किया कि आप की पहल इसे रोकने में बहुत कारगर साबित होगी। शिविर के दौरान सभी स्वयंसेवकों व स्वयंसेविकाओं ने गीत एवं नाटक के माध्यम से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। स्वयंसेवकों में लोकेश सिंह, विशाल कुमार व अभिषेक तथा स्वयंसेविकाओं में अनामिका वार्ष्णेय, लक्ष्मी, अनन्या, सौम्या, निधि सोलंकी, शिवानी, राधा, छवि, फूजिया आदि की प्रस्तुतियां विशेष सराहनीय रहीं। आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. भूपेन्द्र शंकर ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने शिविरार्थियों को बताया कि सेवा कृतज्ञता या शुक्रगुजारी है। हम समाज में रहते हैं। समाज हमें सब कुछ देता है। हम सेवा के माध्यम से समाज के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। हिंदू दर्शन में तीन प्रकार की सेवा बतायी गयी है- देश सेवा, देव सेवा और देह सेवा। शास्त्रों में देश सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उसके उपरांत क्रमशः देव सेवा और देह सेवा को स्थान दिया गया है। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से हम देश सेवा के भाव को अपने में जगाते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि जीवन में समय का महत्व सर्वाधिक है। जीवन में कुछ बड़ा करना है तो समय का उचित प्रबंधन करना नितांत आवश्यक है। इस अवसर पर महाविद्यालय के मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. प्रवेश पांडेय, सहायक प्राध्यापक श्री आनंद सिंह, डॉ. सुधीर पांडेय, श्री विनोद आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) भारत भूषण सिंह परिहार ने सभी स्वयंसेवकों व स्वयंसेविकाओं के उत्साहपूर्ण प्रतिभाग के लिए उनकी सराहना की तथा कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कार्यक्रम अधिकारियों श्री संजय यादव, श्रीमती जया गुप्ता एवं डॉ. रत्नेश कुमार मिश्र को बधाई दी।