
चार में से एक बच्ची की एचआईवी जांच, नेगेटिव
एटा, । एचआईवी पॉजिटिव की सीरिंज से दूसरे बच्चों को इंजेक्शन लगाने के मामले में चार में से एक बच्ची की एचआईवी जांच कराई गई। इसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मेडिकल कालेज स्थित एआरटी सेंटर में ही जांच कराई गई है। बच्ची की मां ने बताया कि चिकित्सक ने छह माह बाद पुन एचआईवी जांच कराने को कहा है।
एचआईवी पॉजिटिव बच्ची को इंजेक्शन लगाने के बाद वार्ड में भर्ती अन्य चार बच्चों को दवा लगाने की शिकायत शासन-प्रशासन से की गई है। इसके बाद बच्ची की जांच मेडिकल कालेज परिसर में संचालित एचआईवी एआरटी सेंटर में की गई। जांच रिपोर्ट में बच्ची को एचआईवी नेगेटिव दर्शाया गया है। साथ ही बच्ची के परिजनों से छह माह बाद पुन जांच कराने की सलाह दी गई है। सेंटर पर बच्ची के अभिभावकों को बताया कि इतनी जल्दी संक्रमण का असर जांच में नहीं आएगा। इसलिए बच्ची की छह माह बाद पुन जांच कराएं। यदि संक्रमण होगा तब जांच में आ जाएगा।
शिकायतकर्ता ने बताया कि बच्ची की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उससे कुछ चिंता कम हुई है। छह माह बाद पुन जांच कराने को कहा गया है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। बच्ची के साथ में भर्ती अन्य तीन बच्चों से दो वार्ड में रह गये है। उनके परिजनों ने भी बच्चों की एचआईवी जांच कराने की मंशा जताई है। इसमें निमोनिया प्रभावित बच्चे के परिजनों को एक वर्ष पूरी होने के बाद एचआईवी जांच कराने की सलाह चिकित्सक ने दी है।
लखनऊ से लिया जा रहा प्रकरण में परिजनों से फीडबैंक मेडिकल कालेज में बच्चों को दवा लगाने के दौरान बरती गई लापरवाही की गूंज एटा से लखनऊ तक पहुंच गई है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के संज्ञान लेने के बाद से लगातार मामले का फीडबैक लखनऊ से लिया जा रहा है। शिकायतकर्ता मीनाक्षी भारद्वाज से लगातार बच्ची की हालत और मेडिकल कालेज प्रशासन के व्यवहार के बारे में जानकारी की जा रही है। शिकायतकर्ता ने बताया कि लखनऊ स्वास्थ्य निदेशालय से फोन कर उनसे लगातार जानकारी ली जा रही है।
मेडिकल कालेज के बच्चा वार्ड में भर्ती बच्चों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। जैसे ही बच्ची पूरी तरह से स्वास्थ्य हो जाएगी। उसके बाद ही उसको वार्ड से डिस्चार्ज किया जाएगा।
डा. विवेक पाराशर, मीडिया प्रभारी, मेडिकल कालेज, एटा