आज धरनारत किसानो को 29 वां दिन गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

कासगंज,27 वें दिन धरना स्थल राष्ट्रीय कैम्प कार्यालय गढी हरनाठेर पर पहुंचे थे उपजिलाधिकारी कासगंज श्री पंकज सिंह और पुलिस क्षेत्राधिकारी कासगंज व थानाध्यक्ष ढोलना राजकुमार शर्मा ने की थी धरनारत किसानो से वार्ता,लेकिन नही दिया गया धरनारत किसानों को ठोस और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन,जब तक नही मिलेगा निष्पक्ष कार्रवाई का ठोस आश्वासन धरना जारी रहेंगा
धरनारत किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी आशीष पांडे ने कहा कासगंज प्रशासन सत्तारूढ जिलाध्यक्ष केपी.सिंह सोलंकी के राजनीतिक अनुचित प्रभाव में वार्ता के नाम पर सिर्फ गुमराह कर रहा है,धरना के 27 वें दिन किसानों की सुधा न लेना ही कासगंज प्रशासन की पक्षपात भेदभाव और अन्याय पूर्ण कार्यशैली को प्रदर्शित करता है,
जब तक हमलावरो और हमला के षड्यंत्रकारी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नही होती है और राष्ट्रीय अध्यक्ष पर दर्ज कराये गये पुलिस से साठ-गांठ कर झूठे बनावटी मुकद्दमों को दिये गये साक्ष्यो के आधार पर खत्म कर अवगत नही कराया जाता है धरना जारी रहेगा और जरुरत पडी तो किसान न्याय की मांग के साथ 5 फरवरी से श्रीमान मण्डलायुक्त कार्यालय अलीगढ पर धरना देने को विवश होगे
जिला सचिव अमरसिंह राजपूत ने कहा कासगंज प्रशासन 5 फरवरी से पहले निष्पक्ष ठोस कार्रवाई सुनिश्चित नही करता है तो किसान मजबूरन श्रीमान मंडलायुक्त कार्यालय अलीगढ को कूच करने को विवश होगें,क्यो कि आज किसानो को 29 वां दिन है लेकिन कासगंज प्रशासन के द्वारा धरनारत किसानो से 27 वे दिन वार्ता की गयी और उसमे भी कोई ठोस निष्पक्ष न्यायपूर्ण कार्रवाई का आश्वासन नही दिया गया,
धरना स्थल पर ही पहुचें उपजिलाधिकारी को गन्ना किसानो की समस्याओ को लेकर ज्ञापन सौपा गया
महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश व मुख्यमंत्री उतर प्रदेश सरकार से निवेदन है कि विषय- प्रदेश के गन्ना किसानों की समस्याओं के संदर्भ में
महोदय,हम आज 2- फरवरी -2023 को उत्तर प्रदेश द्वारा गन्ना किसानों की समस्याओं के प्रति दिखाई जा रही उदासीनता के बारे में शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन चक्का जाम के माध्यम से आप को अवगत कराना चाहते हैं। इसके पहले कई बार किसान संगठनों ने गन्ना किसानों की समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सरकार को प्रेषित किया था। लेकिन सरकार ने अभी तक उस पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री ने घोषणा की थी कि 27 जनवरी 2023 तक गन्ना का मूल्य सरकार तय घोषित कर देगी लेकिन आज तक गन्ना का मूल्य तय नहीं किया गया यह गन्ना किसानों के साथ भेदभाव और सरकार की गन्ना उत्पादक किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।
मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हुए 3 महीने हो चुके हैं। किसान की पर्ची पर गन्ने की आपूर्ति के बाद मूल्य दर्ज नहीं हो रहा है ।
किसान गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
इसलिए संजुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के किसान संगठन आज के विरोध कार्यक्रम के द्वारा आपसे के समक्ष निम्न मांगें रख रहे हैं।
एक, उत्तर प्रदेश सरकार अभिलंब गन्ने के मूल्य450 रुपया प्रति कुंतल की घोषणा करें।
दो, उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार पिछले वर्ष के गन्ने के बकाए का भुगतान ब्याज सहित सुनिश्चित करें ।
तीन, इस वर्ष किसानों के द्वारा मिलों को दिए गए गन्ने के बकाया का तत्काल भुगतान शुरू कराया जाए।
4 ,गन्ने से बनने वाले उप उत्पाद( By product ) जैसे इथेनॉल, अल्कोहल, बिजली, बगासआदि के मुनाफे में गन्ना किसानों की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए।
आशा है आप इन मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर शीघ्रातिशीघ्र कार्रवाई ठा श्यामवीर सिंह चौहान,अमर सिंह चौहान, करेंगे। अमर सिंह लोधी, चन्द्रपाल सिंह लोधी, राकेश यादव,जशवीर शर्मा, सुधीर मिश्रा,उपेन्द्र उपाध्याय,ललित कुमार मिश्रा,अनिल शास्त्री, कौशल किशोर,श्रीकृष्ण यादव,मुकेश सोलंकी, अमित शर्मा,सतेन्द्र चौहान,अजय सिंह सोलंकी,विपिन राघव, रमन चौहान,आदि सैकड़ों किसान नेता मौजूद रहे
भवदीय.आशीष पांडे प्रदेश -प्रभारी भाकियू (स्वराज)