राजेश कुमार शास्त्री
मादा पशुओं को प्रजनन योग्य बने रहने के लिए नर पशु का होना नितांत आवश्यक है

सिद्धार्थनगर । मादा पशुओं को प्रजनन योग्य बने रहने के लिए नर पशु का होना नितांत आवश्यक है।इस बात की जानकारी पशुचिकित्साधिकारी जोगिया डाॅ बलराम चौरसिया ने महुआ में आयोजित पशुपालक जागरूकता शिविर में दी।
नर मादा पशु जब एक दूसरे को देखते हैं, परस्पर आवाज सुनते हैं तो उनमे प्रजनन संबधित हारमोन का संतुलन बनता है। परिणाम स्वरूप पशु प्रजनन शील होकर समय से गरमी पर आतें हैं। और गभॅधारण करके संतति देकर दूध का उतपादन करते हैं। पशु प्रजनन शीलता के लिए पन्द्रह मादा पर एक नर होना चाहिए। नर मादा का अनुपात बिगड़ने से मादा पशुओं की प्रजनन शीलता पर नकारात्मक असर पड़ता है।और बांझपन का शिकार होने के कारण कीमती पशु समय से पहले ही पशुपालक के लिए अनुपयोगी हो जाते हैं।शिविर में 42 पशुओं की स्वास्थ्यवर्धक दवा का निशुल्क वितरण किया गया। इस अवसर पर प्रधान इंदल लोधी, भगत, सुग्रीव, अकाली, प्रभावती, विंद्रावती, मनिषा सहित तमाम पशुपालक मौजूद रहे।