पूर्व चैयरमैन पर हेलो गैंग की पुलिस की कार्रवाई लोगों के गले नही उतर रही, खड़े हुए सवाल
क्षेत्रीय जनता के अनुसार हैलो गैग का सम्बन्ध नही ,राजनीतिक भेंट चढा पूर्व चैयरमैन

पिनाहट । कस्बा नगर पिनाहट के पूर्व चैयरमैन मनोज कुमार को पुलिस द्वारा हैलो गैग का सदस्य बनाकर जेल भेजने की कार्यवाही लोगो के गले नही उतर रही है।ज्यादातर लोगो का बस यही कहना था।कि मनोज कुमार हैलो गैंग क्या होता है। जानता तक नहीं है। पूर्व चेयरमैन पुलिस और राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया है। क्षेत्री लोगों ने इस कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व चेयरमैन के परिजनों ने उच्चाधिकारियों से इस मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग करने की बात कही है।
आपको बता दें कस्बा पिनाहट के पूर्व चैयरमैन मनोज कुमार को हरी पर्वत थाने से पुलिस द्वारा रविवार शाम हैलो गेंग के अन्य सदस्यो के साथ गैंग का सदस्य बनाकर निर्दोष को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत आनन-फानन में जेल भेज दिया गया। जेल भेजने के बाद पुलिस द्वारा दूसरे दिन प्रेस नोट जारी करने की कार्रवाई की गई। पूर्व चेयरमैन को हेलो गैंग का सदस्य बनाने और जेल भेजने की कार्रवाई को लेकर पिनाहट क्षेत्र के लोगों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्रीय जनता के लिये बात गले की फांस बनी हुई है।कि पूर्व चैयरमैन मनोज कुमार हैलो गैंग का सदस्य कैसे हो सकता है।लोगो का बह यही कहना था मनोज का हेलो गैंग से कोई बास्ता नही है।मनोज के इस तरह जेल भेजने को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर व्यापारी और लोग ने सबाल उठ रहे है। व्यापारी अनिल कुमार गुप्ता, उमेश गुप्ता , पूर्व सभासद विजयपाल परिहार , धर्मवीर सिंह, गजेंद्र सिंह का आरोप है कि किसी भी सूरत में पूर्व चेयरमैन गलत नहीं है। एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत पुलिस ने कार्रवाई की है। जो के निंदनीय है। वही पूर्व चेयरमैन की पत्नी और परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नरेट होने पर पुलिस मनमानी कर रही है जिसके चलते निर्दोषों पर भी कार्रवाई हो रही है। पुलिस को ऐसे मामलों में पूरी जांच पड़ताल करनी चाहिए। पुलिस द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र के तहत पूर्व चेयरमैन को हेलो गैंग का सदस्य बना कर जेल भेजा गया है। जो पूरी तरह से निंदनीय है। उच्च अधिकारियों से मिलकर पूरे मामले की गहनता से जांच करने की मांग करने की बात कही है।
इंबक्स
अब तो पुलिस कुछ भी कर सकती है
आगरा। एक तरफ हेलो गैंग दूसरी तरफ पुलिस । होता गेम जिसमें पता नहीं कब कौन किसके हत्थे चढ़ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता । हेलो गैंग के शिकार और हेलो गैंग के आरोपियों के आरोपों के मध्य विगत दिवस एक पूर्व जनप्रतिनिधि फंस गया । वह बेचारा मात्र ऐसे मामले के दोहरे आरोपियों के संबंधियों के साथ घर जाने के लिए सवार हो उनके वाहन में बैठ गया । वे लोग उक्त आरोपियों की मिलाई कर लौटते समय पुलिस ने धर लिए । बिना जांच परख के उक्त जनप्रतिनिधि को अन्य आरोपियों के साथ सीधे अदालत में पेस कर गुड वर्क की आड़ में चालन कर जेल भेज दिया । जब तक आयुक्त को सूचना हुई तब तक तो इलाका पुलिस उस निर्दोष को लेकर ही गहरी राजनीति से प्रेरित होकर कहानी गढ़ चालन कर चुके थे । मजे की बात यह पहली बार हुआ जब ऐसे मामले के गुड वर्क की प्रेस कांफ्रेंस दूसरे दिन हुई। पीड़ित की पत्नी ने महिला आयोग पुलिस महाईदेशक को अवगत करा समूची कार्य वाई की जांच की मांग की है । आश्चर्य तो तब होता है जब कोई ऐसी कार्रवाई का शिकार हो जो स्वयं हेलो गैंग की खबरों को कवर करता रहा हो और जनप्रतिनिधि भी रह चुका है । हो न हो इस प्रकरण में स्थानीय राजनीति का भी कोई कार्ड स्तेमाल हुआ हो । जिसके चलते वर्तमान सत्ता पक्ष के ही दो घटक एक दूसरे को ठोर लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहै हैं।