एटा की नुमाइश का आयोजन सफल या असफल ?

राजकीय जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी 2023 , जिसे सरल शब्दों में नुमाइश कहते हैं , का आयोजन कई कारणों से याद रखा जाएगा ।
चाटुकारों से घिरे रहने वाले प्रशासनिक अधिकारी भले ही चाटुकारों के प्रशंसा करने पर अपनी पीठ थपथपा लें , लेकिन इनको वास्तविकता का आईना भारत के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास दिखा गए ।
जैसा कि इस प्रदर्शनी के नाम में कृषि एवं औद्योगिक विकास जैसे शब्द जुड़े हुए हैं लेकिन यहां के रंगारंग कार्यक्रम देखने के लिए कृषि करने वाले किसान अगर आना चाहे तो शायद वह नहीं आ पाए क्योंकि इसके लिए उन्हें वीआईपी या वीवीआइपी पास लेना पड़ेगा और यह पास एडीएम वित्त एवं राजस्व जारी करेंगे , भोले भाले किसान जो छोटे-छोटे काम के लिए तहसीलों के चक्कर लगाते रहते हैं , लेखपालों की मनुहार करते रहते हैं क्या वह एडीएम के पास वीआईपी पास लेने जा सकेंगे ?
बड़े रंगारंग कार्यक्रमों की कवरेज करने के लिए भी पत्रकारों को वीआईपी और वीवीआईपी पास की आवश्यकता है जो कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता को प्रभावित करने प्रशासन की अनावश्यक हठधर्मिता को दिखाती है ।
नुमाइश में पहले पत्रकारों के लिए अलग पंडाल भी लगाया जाता था एवं पत्रकार व उनके परिवार के लिए विशेष पत्रकार पास जारी किए जाते थे , लेकिन इस बार यह सारी व्यवस्थाएं गायब हैं ।
अधिकारियों के गोद में बैठने वाले कुछ चाटुकारों का भी इस अव्यवस्था में पूरा योगदान है , क्योंकि यह चाटुकार ही घटिया व्यवस्थाओं को भी अति उत्तम बताकर अधिकारियों की दृष्टि में अपने नंबर बढ़ाते हैं।
इस लेख को पढ़ने के बाद भी यदि किसी को वास्तविक स्थिति का आकलन करना है तो जनता में जाकर फीडबैक ले सकता है कि कन्हैया मित्तल और कुमार विश्वास वाले कार्यक्रमों का प्रशासन द्वारा किया गया आयोजन कैसा रहा जनता सारा का सारा गुड वर्क बता देगी
और अंत में यही लिखना चाहूंगा इससे बेकार , दुर्व्यवस्थित और घटिया नुमाइश का आयोजन मैंने अपने जीवन में नहीं देखा ।
भली लगे या बुरी लेकिन पवन की कलम ऐसे ही चलती रहेगी
पवन चतुर्वेदी , जिला संवाददाता अमीर खुसरो टाइम्स समाचार पत्र