इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पत्रकारों की ज्वलंत छह सूत्रीय मांग पत्र को ईमेल से भेजा

*इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पत्रकारों की ज्वलंत छह सूत्रीय मांग पत्र को ईमेल से भेजकर माननीय प्रधानमंत्री से गम्भीरतापूर्वक विचार कर शीघ्र निदान करने का आग्रह किया।*

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश ।

विश्वस्तरीय पत्रकार हितों के लिए सतत संघर्षशील अग्रणी संस्था इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने पत्रकारों की ज्वलंत समस्याओं का छह सूत्रीय मांग पत्र माननीय प्रधानमंत्री को ईमेल से भेजकर गम्भीरतापूर्वक विचार कर शीघ्र निदान करने का आग्रह किया।
श्री कुरैशी ने कहा कि जहाँ देश के अंदर वैश्विक आपदा कोरोना वायरस से फैल रहे संक्रमण को लेकर कोहराम मचा हुआ हैं और पूरे देश को लॉक डाउन कर लोगों को घरों में कैद कर दिया गया है वही देश का चौथा स्तम्भ पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल कर ग्राउण्ड जीरो से पल पल की खबरों के साथ साथ शासनिक और प्रशासनिक खबरों को जनता तक पहुंचाने के लिए निरन्तर सजग, सक्रिय व संघर्षशील हैं। इस संकट की कठिन स्थिति में पत्रकार सरकार और जनता के बीच अहम भूमिका अदा कर रहा है।
इसमें अधिकांश वो पत्रकार हैं जिन्हें कोई भी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, वेब पोर्टल मिडिया हाउस एवं संस्थान वेतन या भत्ता नहीं देता है। कुछ बड़े अखबार व चैनल को छोड़कर जिला स्तर पर काम करने वाले सभी पत्रकार केवल विज्ञापन में मिले कमीशन से अपना जीवन यापन करते हैं न तो इनका बीमा होता है और ना ही कोई जीने का अन्य आधार।
केन्द्र तथा प्रदेश सरकार के द्वारा लॉक डाउन की घोषणा के बाद स्वास्थ्य, सफाई व पुलिस कर्मियों को ध्यान में रखते हुए घोषणाएं की गई है मगर राष्ट्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले सभी ग्रामीण एवं शहरी प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक व वेब पोर्टल पत्रकारों को इस संकट की घड़ी में भी ध्यान नहीं दिया गया।

प्रमुख मांग निम्नवत है :-

1. वैश्विक संकट में अधिकांश मीडिया हाउस की अर्थव्यवस्था बिगड़ गयी है देश के 40-40 पृष्ठों के ब्रांड अखबार 12 पृष्ठ के हो गए। ज्यादातर अखबार ने डीएवीपी और राज्य सरकारों से विज्ञापन का भुगतान नहीं होने पर वेतन नहीं दिया। जिसके कारण पत्रकार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसलिए जिला स्तर पर ग्रामीण पत्रकारों को 10,000, महानगर के पत्रकारों को 15,000 तथा राजधानी के पत्रकारों को 20,000 रूपये मासिक आर्थिक सहयोग राशि दिया जाए।

2. वैश्विक महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर सूचनाएं एकत्र कर रहे पत्रकारों को 50 लाख रुपए का जीवन बीमा दिया जाए।

3. वैश्विक संकट का सबसे ज्यादा असर पत्रकारों पर पड़ा है। देश के बड़े बड़े मिडिया हाउसों ने भी आर्थिक हालात खराब बताते हुए कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है। जाँच उपरांत ऐसे मीडिया हाउसों के खिलाफ कार्रवाई किया जाए।

4- केन्द्र सरकार समाचार पत्र- पत्रिका, इलेक्ट्रॉनिक चैनल व न्यूज वेब पोर्टल को निरन्तर सक्रिय रुप से कार्य करने के लिए विज्ञापन दे ।

5. वैश्विक महामारी में ग्राउण्ड जीरो से पल पल की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों के साथ कुछ स्थानों पर पुलिसिया दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाएं हुईं हैं ।
उच्च अधिकारियों को निर्देशित कर इन घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए।

6. सभी पत्रकारों को सरकार मास्क, सेनेटाइजर, हैंड ग्लब्ज, हैंड वॉश और अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट दिया जाएं।

About The Author

Team KNLS Live

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks