
महामना मालवीय जयन्ती के अवसर पर अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा बरेली के तत्वाधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
भगवान परशुराम,माँ सरस्वती,आचार्य चाणक्य और मालवीय जी के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और चित्रों पर माल्यार्पण के बाद विद्यालय के आचार्यों और वटुकों द्वारा मंगलाचरण और स्वस्तिवाचन किया गया।
परम विद्वान आचार्य ब्रह्मस्वरूप द्वारा सनातन वैदिक धर्म महामना के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि धर्म ही सृष्टि का मूल है,जिसे अपनाकर ही देश और समाज को वचाया जा सकता है।मालवीय जी ने भारतीय परम्पराओं और आधुनिक शिक्षा के वीच संतुलन बनाते हुए काशी हिंदू विश्विद्यालय की स्थापना की।आज भी वी एच यू की अपनी विशिष्ट पहिचान बनी हुई है।
भगवान परशुराम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेन्द्र पांडे ने कहा कि आज संस्कृति की पोषक संस्कृत भाषा सरकार और समाज द्वारा उपेक्षित है।जिसकी चिंता करना अच्छे ब्राह्मणों का परम कर्तव्य है।
प्रदेश अध्यक्ष त्रिभुवन शर्मा ने सामाजिक कल्याण के कामों में लगे सेवानिवृत राजस्व निरीक्षक पंडित रमेश तिवारी जी को सभा की ओर से जिला कार्यक्रम प्रभारी मनोनीत किया।उन्होंने बताया कि श्री तिवारी कोरोना काल से आज तक निरन्तर गरीवों को खाद्य सामग्री का वितरण करते रहे हैं,संस्कृत विद्यालय में विजली का कनेक्शन,तख्तों,रजाइयों,गद्दों की व्यवस्था और शौचालयों का निर्माण ट्रस्टियों रमेश मिश्रा,रजत शर्मा,कौशल सारस्वत,गजेंद्र पांडे, प्रमोद उपाध्याय,आर एस लाल,उमेश नारायण शर्मा,महेश पाठक,ब्रह्मानंद शर्मा,उमेश शर्मा,मनोज पांडे आदि के सहयोग से करा चुके हैं।
महानगर अध्यक्ष कौशल सारस्वत ने बताया कि मालवीय जी के जीवन से प्रेरणा लेकर उन्होंने एक गुरुकुल बनाने का विचार किया है।शीघ्र ही उसका स्वरूप सामने आयेगा,महापुरुषों के जीवन के प्रेरक प्रसंग ही हमें आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं।
जिलाध्यक्ष गजेंद्र पांडे ने गोष्ठी का संचालन किया।
सभी पदाधिकारियों और ट्रस्टियों ने संस्कृत विद्यालय के छोटे वच्चों के साथ खिचड़ी सहभोज किया।
क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी और विद्यालय के संरक्षक ठाकुर ऋषिपाल सिंह ने कहा कि आज महामना की जयंती पर प्रेरक प्रसंग सुनकर उनका जीवन धन्य हो गया है।वह आजीवन सनातन संस्कृति की रक्षार्थ आजीवन काम करते रहेंगे।
अंत में विद्यालय के प्रबंधक अनिल कुमार शास्त्री ने सभी आगुंतकों का धन्यवाद किया।