दुनिया भर में हो रहे कोरोना के टीके विकसित, बरतते रहें सावधानी- राजू आर्य
● विश्व के कई देशों को मिलाकर 141 टीकों पर चल रहा शोध।
● देश में 7 जुलाई से शुरू होगा टीके का मानव परीक्षण, सब ठीक रहा तो सितंबर तक बाज़ार में आने की संभावना।
जनवादी पत्रकार संघ के प्रदेश प्रभारी एवं भारतीय गौरक्षा वाहिनी के ब्रज-प्रान्त अध्यक्ष रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य ने विश्व भर में विकसित हो रहे कोरोना के टीकों की जानकारी देते हुए कहा कि अब बहुत अधिक लंबा समय नही रह गया है टीकों का विकास पूर्ण होने में। बहुत जल्द टीके की खोज पूरी होने की संभावनाएं बढ़ गयी हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विश्व भर में करीब 141 कोरोना के टीकों के विकास का कार्य ज़ोर शोर पर है। उनमें से अग्रणी उम्मीदवार टीके सफलता से महज कुछ महीने ही दूर है।
आर्य ने बताया कि इसके अलावा देश में 2 दवा कंपनियों को ICMR द्वारा टीके के मानव परीक्षण की मंजूरी मिल चुकी है। जिसमें हैदराबाद की भारत बायोटेक नामक फार्मास्यूटिकल कंपनी स्वयं निर्मित कोवैक्सीन नामक टीके का 7 जुलाई से मानव परीक्षण शुरू करेगी।
अगर सभी परिणाम सफल रहते हैं तो 15 अगस्त को इस टीके को भारत में लांच किया जा सकता है। और जल्द से जल्द यह बाज़ार में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकेगी।
आर्य ने कहा कि टीका बनाने में सफलता मिलने में थोड़ा और समय लग सकता है। लेकिन तब तक हमें सिर्फ सावधानी, और संयम बरतना होगा। जिससे कि कोरोना वायरस के मामले न बढ़ें और हम स्वयं को इस घातक बीमारी से सुरक्षित रखने के साथ साथ अपने परिवार और मित्रजनों को सुरक्षित रख सकें। आर्य ने कहा कि खास तौर पर सामाजिक दूरी और मास्क लगाने को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बना लें।
बता दें कि देश भर में कोरोना के मामले बढ़कर 6 लाख 50 हज़ार 431 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इस घातक वायरस से देश में मरने वालों की संख्या 18 हज़ार 6 सौ 69 हो चुकी है। देश में प्रतिदिन 20 हज़ार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं एक या दो दिन के अंदर भारत रूस को पछाड़कर कोरोना मामलों में विश्व में तीसरे स्थान पर अपनी जगह बना लेगा।