कानपुर प्रकरण में शामिल सभी दुर्दान्तों का जल्द हो खात्मा, व्यर्थ न जाये पुलिस के जवानों का बलिदान- राजू आर्य
● मुठभेड़ में 8 पुलिस कर्मी हुए शहीद और 7 जवान गंभीर रूप से घायल, प्रकरण की हो न्याययिक जांच।
● शहीदों के परिवार को दी जाए 1 करोड़ की आर्थिक सहायता, मृतक आश्रितों को मिले सरकारी नौकरी।
जनवादी पत्रकार संघ के प्रदेश प्रभारी एवं विहिप नेता राजू आर्य ने शुक्रवार को कानपुर जिले में एक तलाशी अभियान के दौरान अपराधियों के हाथों शहीद हुए आठ पुलिस-कर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। चौबेपुर पुलिस थाने के तहत कानपुर जिले के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र मिश्रा, 3 सब-इंस्पेक्टर और 4 कांस्टेबल शहीद हो गए।
आर्य ने कानपुर नगर में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपना जीवन बलिदान करने वाले सभी शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
आर्य ने कहा कि अपराधियों द्वारा पूरी तैयारी के साथ घात लगाकर हमला करने की यह घटना दर्शाती है कि इन्हें पुलिस द्वारा किये जा रहे तलाशी अभियान की पहले ही भनक लग चुकी थी, जिससे वो चौकन्ने होकर घात लगाने में सफल हुए, इससे स्पष्ट है कि इस गिरोह के तार कहीं न कहीं प्रशासन या शासन तंत्र के अंदर पैबस्त हैं, इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए। इस गिरोह को अगर किसी का आश्रय प्राप्त है चाहे वो किसी भी उच्च स्तरीय राजनेता का हो या किसी प्रशासनिक अधिकारी का, जिसने भी पुलिस महकमे द्वारा उठाये जा रहे तलाश अभियान की जानकारी इस गिरोह तक पहुंचाई है वह भी पुलिस के जवानों की मृत्यु के इस जघन्य अपराध में समान रूप से अपराधी है, उसे जल्द से जल्द ढूंढकर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही सरकार को जांच और कार्रवाही के प्रति ऐसे ठोस कदम उठाने होंगे। हमारे पुलिस के जवानों द्वारा दिया गया बलिदान व्यर्थ न जाने पाए और पुलिस प्रशासन का मनोबल और अधिक सशक्त हो।
आर्य ने बताया कि विकास दुबे प्रदेश का एक बड़ा हिस्ट्रीशीटर है जिस पर 60 से अधिक अपराधों में मुकदमे दर्ज हैं। ऐसे दुर्दांत अपराधियों को आतंकवादियों की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। इस घटना के पश्चात इन अपराधियों की गांव में तलाश के दौरान पुलिस ने उसके चचेरे भाई और मामा को मार गिराया है। उनके पास से AK-47 के कारतूस भी बरामद हुए। आर्य ने कहा कि शासन एवं प्रशासन की मौजूदा समय में इस प्रकरण को लेकर तीन प्राथमिकताएं होनी चाहिए। पहली प्राथमिकता घायल जवानों को उत्तम इलाज मिले, दूसरी इन कुख्यात अपराधियों के सभी साथियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए या मार गिराया जाये और तीसरी प्राथमिकता यह कि इस गिरोह के पास AK-47 जैसे आधुनिक हथियार कहाँ से? आये इसकी भी पूरी पड़ताल हो।
इसके साथ ही आर्य ने सभी शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारों को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता देने के साथ ही मृतक आश्रितों को एक सरकारी नौकरी देने की सरकार से मांग की है। साथ कि आर्य ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर-प्रदेश पुलिस-प्रशासन जल्द से जल्द इन कुख्यात अपराधियों को ढूंढ निकालेगा और सभी अपराधियों को उनके द्वारा किये जघन्य अपराधों की सजा जल्द से जल्द मिलेगी।