*कब्जा न लेने वाले आवंटी को भी अब देना होगा शुल्क, रिपोर्ट योगेश मुदगल
वसूली भू-राजस्व की भांति

फ्लैट मालिक देय धनराशि 12 माह से अधिक समय तक भुगतान नहीं करता है तो वह एसोसिएशन और बिल्डर के संयुक्त समूह से संपर्क कर सकता है। इसके बाद संबंधित से भू-राजस्व के बकाए के रूप में इसकी वसूली की जाएगी। समस्याओं का समाधान तीन माह के अंदर देना होगा।
लखनऊ, विशेष संवाददाता। अपार्टमेंट और आवासीय सोसायटियों में रख-रखाव का बचा पैसा बिल्डरों को अब 10 फीसदी ब्याज के साथ रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को देना होगा। इतना ही नहीं जिन आवंटियों ने कब्जा नहीं लिया है उसे भी मेंटेनेंस शुल्क देना होगा। विशेष सचिव आवास राकेश कुमार मिश्र ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
सुविधाओं के बारे में देनी होगी जानकारी शासनादेश में कहा गया है कि बिल्डरों को यह भी बताना होगा कि उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट में दी गई व्यवस्था के आधार पर निर्माण कार्य कराते हुए उसने मानक के अनुसार सभी सुविधाएं दी हैं। अपार्टमेंट में 60 फीसदी फ्लैटों पर भौतिक कब्जे के बाद रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिशन का गठन किया जाएगा। यह बिल्डर और आवंटी दोनों के बीच समन्वय बनाने का काम करेगा। आवंटियों और बिल्डरों के बीच विवाद को आपसी रजमंदी से निपटाया जाएगा।
अपार्टमेंट में रहने वाले आवंटियों से तय सुविधा के आधार पर ही अनुरक्षण शुल्क लिया जाएगा। कब्जा न लेने वाले आवंटियों से भी जरूरी सुविधाओं के लिए अनुरक्षण शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की मदद ली जाएगी और अगर वह आगे नहीं आता है तो इस संबंध में रेरा अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर उसके विरुद्ध शिकायत कर सकता है। विकास प्राधिकरण निजी क्षेत्र में बनने वाले अपार्टमेंट के पूर्ण होने का प्रमाण पत्र रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को भी उपलब्ध कराएगा