विदुषी ने अपनी सधी हुई सुर में हनुमान जी के चरणों में भजनों के द्वारा अपनी भावांजलि प्रस्तुत की।
कष्ट हरण तेरो नाम राम हो….

वाराणसी। काशी में संगीत का संस्कार देने वाले संकट मोचन मंदिर में आयोजित भजन सम्मेलन के द्वितीय निशा में विदुषी ने अपनी सधी हुई सुर में हनुमान जी के चरणों में भजनों के द्वारा अपनी भावांजलि प्रस्तुत की। श्री राम विवाह पंचमी के पावन अवसर पर संकट मोचन दरबार में उपस्थित सुधी श्रोता भी भक्ति भाव में डूबते रहे। सुधी श्रोताओं से भरे दरबार में विदुषी ने हनुमान जी के चरणों में प्रणाम करते हुए अपनी प्रथम प्रस्तुति “कष्ट हरण तेरो नाम राम हो…”को साधा। तत्पश्चात राम विवाह का वर्णन करते हुए”सखी सियवर की रंगीली झांकी..”सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। सुधी श्रोता भी बीच -बीच में प्रभु राम का जय- जयकार लगाते हुए बाल सुर साधिका विदुषी का मनोबल बढ़ाते रहे। अंत में विदुषी ने “जय जय जय हनुमान …”जी सुनाकर श्रोताओं को भी अपने साथ गाने के लिए विवश कर दिया। विदुषी के साथ तबले पर अखिलेंद्र मिश्रा एवं हारमोनियम पर आनंद चौबे ने सुमधुर संगति प्रदान की।कार्यक्रम का संचालन पंडित हरिराम द्विवेदी ने किया।