समूह में देर शाम तक दिखे परिक्रमा लगाते लोग,एक लाख का अनुमान

*एक लाख ने लगाई पंचकोसी परिक्रमा*

रविवार को शारदापीठ के शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम पंचकोसी परिक्रमा से पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए।
एक लाख ने लगाई पंचकोसी परिक्रमा
रविवार को परिक्रमा मार्ग पर भजन-कीर्तन करते परिक्रमा लगातीं महिलाएं।
*समूह में देर शाम तक दिखे परिक्रमा लगाते लोग*

सोरों,  संवाद। तीर्थ नगरी में हुई पंचकोसी परिक्रमा के दौरान पुरुष, महिलाएं व बच्चे समूह में परिक्रमा लगाते दिखे। इस दौरान लोग भजन-कीर्तन करते चल रहे थे। मार्गशीर्ष माह की द्वादशी को माहौल धर्ममय दिखाई दिया। परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए द्वार बनाए गए। श्रद्धालुओं के जलपान के लिए भंडारों का भी जगह-जगह आयोजन हुआ।

रविवार को पंचकोसी परिक्रमा लगाने के लिए बदायूं, एटा, हाथरस, मथुरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद और अन्य जनपदों से लोग पहुंचे। सुबह से ही लोगों ने परिक्रमा लगाना शुरू कर दिया था। महिलाएं व पुरुष समूह में कीर्तन करते चल रहे थे। पंचकोसी परिक्रमा का 15 किलोमीटर मार्ग दिनभर श्रद्धालुओं से भरा दिखाई दिया। लोगों ने श्रद्धालुओं के जलपान की व्यवस्था की। जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए। ठहराव स्थलों पर लोग विश्राम करते भी नजर आए। सोरों के वराह मंदिर, सीताराम जी मंदिर, बटुकनाथ मंदिर, बाछरू महाराज मंदिर, कपिल मुनि की गुफा व अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
*सोरों में देरशाम  लोग पंचकोसी परिक्रमा लगाते हुए देखे गए।*

सोरों,  संवाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मार्गशीर्ष माह की द्वादशी के दिन की गई पंचकोसी परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। पंचकोसी परिक्रमा से पूर्व आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ शारदापीठ के शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम ने दीप प्रज्वलन कर किया।

रविवार को शारदा पीठ के शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम ने कहा कि सोरों धरती का प्रथम तीर्थ है। यह तीर्थ अतीत के अंधेरे में चला गया था। सूकरक्षेत्र का विकास होना बहुत ही आवश्यक है। अयोध्या, काशी की तर्ज पर सोरों का विकास हो। एटा के सांसद राजवीर सिंह ने भी सोरों का महत्व बताया। आरएसएस के ब्रज प्रांत प्रचारक हरीश, धर्मजागरण प्रमुख दिनेश, वराह मंदिर के पीठाधीश्वर आशुतोषानंद, महंत अमृतदास खाकी, कथावाचक रामजी भाई, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री सोहन सिंह सोलंकी ने सूकरक्षेत्र में पंचकोसी परिक्रमा का महत्व भी बताया। परिक्रमा कार्यक्रम में संतों ने सोरों के विकास पर अधिक जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान वराह मंदिर के नवनिर्माण की भी मांग उठी। संतों ने कहा कि भगवान वराह ने पृथ्वी का उद्धार किया और अपने शरीर का त्याग हरिपदी गंगा में किया। मार्गशीर्ष मेला का आयोजन भी आदिकाल से हो रहा है। परिक्रमा के शुरभारंभ कार्यक्रम में डीएम हर्षिता माथुर, डा. राधाकृष्ण दीक्षित, शिवांशु दुबे, भाजपा के जिलाध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी, ज्ञान तिवारी, गौरीशंकर शर्मा, डा. शशिलता चौहान, नवल कुलश्रेष्ठ, डा. मिथलेश राना, अनीता उपाध्याय, नीरज शर्मा, कृष्णकांत वशिष्ठ, श्रीकांत तिवारी, रामेश्वर दयाल महेरे, अभिषेक गौड़, माधव माहेश्वरी, शरत गुप्ता मौजूद

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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