योगी आदित्यनाथ का एक बहुत बड़ा और दूरदर्शी फैसला

योगी आदित्यनाथ सोमवार को अयोध्या महानगर परियोजना 2031 की समीक्षा कर रहे थे । इसी समीक्षा बैठक में उन्होंने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है उन्होंने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि अयोध्या के अंदर राम जन्मभूमि के चारों तरफ काफी दूर तक एक कॉमन बिल्डिंग कोड लागू होगा
-इस कॉमन बिल्डिंग कोड की सीमा रेखा 84 कोसी परिक्रमा को माना गया है हिंदू धर्म के तीर्थ यात्री जब अयोध्या में रामलला के दर्शन करने आते हैं तो चौरासी कोस की यात्रा करते हैं उस चौरासी कोस के दायरे के अंदर जितनी भी इमारतें होंगी चाहे वह किसी भी धर्म के व्यक्ति की हो वह सभी कॉमेंट बिल्डिंग कोर्ट के तहत एक विशेष रंग की ही रंगी हुई होंगी
-अब जाहिर सी बात है कि योगी आदित्यनाथ को सबसे ज्यादा प्रिय रंग तो भगवा ही है और भगवा ही भारत की सनातन संस्कृति का प्रतीक है और भगवा रंग भगवान राम की महानता का भी द्योतक है इसलिए यह मान कर चलिए कि राम जन्म भूमि के चारों तरफ चौरासी कोस के अंदर अब जितनी भी मारते होंगी वह सारी की सारी कॉमन बिल्डिंग कोड के तहत भगवा रंग से रंगी होंगी
-यह योगी आदित्यनाथ का एक बहुत दूरदर्शी फैसला इसलिए है क्योंकि आप जानते होंगे कि कर्नाटक के अंदर बेंगलुरु में सोमेश्वर मंदिर का एक वीडियो वायरल हुआ है सोमेश्वर मंदिर 1500 साल पुराना है लेकिन उस मंदिर के पास में एक मस्जिद खड़ी कर दी गई है जहां से मंगला आरती के समय अजान से भक्तों को परेशानी हो रही है और उस पूरे वीडियो में भक्तों का दर्द दिखाई दे रहा है
-तो इसी कॉमन बिल्डिंग कोड को आगे बढ़ाते हुए योगी आदित्यनाथ को चाहिए कि वह राम जन्मभूमि के चारों तरफ एक सीमा रेखा तय कर दें कि इतने दूरी में कोई भी मस्जिद या मकबरा नहीं बन सकता है क्योंकि तभी हिंदू धर्म के लोग अपने सबसे पवित्र तीर्थ स्थल पर शांति के साथ भक्ति कर पाएंगे
-इस पर मुसलमानों को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि मुसलमानों ने भी अपने पवित्र धर्मस्थल मक्का में किसी भी गैर मुस्लिम के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है जबकि हम हिंदू सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि राम जन्मभूमि के चारों तरफ एक विशेष सीमा रेखा के अंदर कोई अन्य धर्म का तीर्थ स्थल ना हो । हम किसी मुसलमान के उस विशेष दायरे में प्रवेश से मना ना करके अपनी उदारता का विशेष प्रदर्शन कर रहे हैं इसके लिए इस्लामिक धर्मगुरुओं को हमसे शिक्षा भी नहीं चाहिए