
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मथुरा जाने वालों को अब एक और हाईवे की सुविधा मिलेगी। अलीगढ़ से मथुरा जाने वालेे लोग सासनीगेट चौराहे से 34 किमी चल कर साथिनी सेे इस हाईवे पर पहुंच जाएंगे। ये हाईवे उन्हें मथुरा के कोयला अलीपुर और महावन-गोकुल तक बेहतर सफर का आनंद देगा। मथुरा-हाथरस-अलीगढ़-बरेली नेशनल हाईवे 530 बी के निर्माण के लिए किसानों को मुआवजा बांटने के साथ ही भूमि अधिग्रहण शुरू हो गया है। पहले चरण में दिसंबर से निर्माणदायी संस्था पीएनसी इस हाईवे का निर्माण शुरू कर देगी।
हाईवे निर्माण के लिए अलीगढ़ कीइगलास तहसील के सात गांवों के 871 किसानों की 49.861 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इन किसानों को 268 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। अब जमीनों का कब्जा लिया जा रहा है।
विशेष भूमि अध्यापति अधिकारी संजीव ओझा ने बताया कि तहसील इगलास के साथिनी, पिलखुनिया, नाया, जवार, असरोई, तूरी व मनीपुर समेत सात गांवों के किसानों की जमीन इस हाईवे में ली जा रही है। जिसके लिए सर्किल रेट से चार गुना अधिक मुआवजा दिया गया है। 250 किलोमीटर लंबा यह हाईवे अलीगढ़ की तहसील इगलास व हाथरस से होकर गुजरेगा। इस पर करीब आठ हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उन्होंने बताया कि मथुरा-बरेली नेशनल हाईवे 530 बी पर जमीन अधिग्रहण पूरा होने के बाद सड़क का निर्माण शुरू होगा। अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच गई है। हाईवे निर्माण में मथुरा के 30 गांव, हाथरस के 25, अलीगढ़ के सात, कासगंज के 16 एवं एटा जिले के दो गांवों की जमीन ली गई है।