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रेप का झूठा मामला दर्ज कर गर्भपात का आदेश प्राप्त करने के आरोप में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिता, बेटी और बेटे को 6 महीने की जेल की सजा सुनाई

🔘 हाल ही में, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने झूठे बलात्कार का मामला दर्ज करके गर्भावस्था समाप्ति आदेश प्राप्त करने के लिए पिता, बेटी और बेटे को 6 महीने जेल की सजा सुनाई।
⚫ न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की खंडपीठ उस मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें अभियोक्ता ‘एक्स’ और उसके पिता ‘ए’ को झूठे बयानों पर रिट याचिका दायर करने के लिए अवमानना करने का दोषी ठहराया गया है और उक्त आदेश का लाभ उठाकर उन्होंने अभियोक्ता का गर्भपात कराने में सफल रही, जबकि तथ्य यह है कि वह अपने चचेरे भाई भागवत यादव से गर्भवती हुई थी, आसानी से दबा दिया गया था।
🟤 एक अजन्मे बच्चे को मारने के लिए अभियोक्ता और उसके पिता द्वारा अपनाया गया अभिनव तरीका, 1971 के मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के मूल उद्देश्य के खिलाफ है और इसे हल्के तरीके से नहीं लिया जा सकता है।
🔵 उच्च न्यायालय ने पाया कि इस न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद अभियोक्ता और उसका भाई निचली अदालत में पेश नहीं हुए। इस प्रकार, उन्हें आदेश का उल्लंघन करने के लिए अवमानना करने का भी दोषी ठहराया गया है।
🟠 पीठ ने कहा कि उन लोगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई जा सकती, जिन्होंने भ्रूण के जैविक पिता की पहचान को दबा कर एक अजन्मे बच्चे को मारने का एक बहुत ही अनूठा विचार पेश किया है।
उक्त के मद्देनज़र उच्च न्यायालय ने अभियोक्ता ‘X’, उसके पिता ‘क’ और उसके भाई ‘ब’ को छह माह का साधारण कारावास दिया।
केस शीर्षक: सू मोटो बनाम प्रोसिक्युट्रिक्स के पिता